जांजगीर चांपा/सक्ती: आपने अब तक रेलवे, ओटीपी और पिन नंबर या एसएमएस के नाम से लेकर लोगों के साथ जुड़े कुछ ऐसे मामलों के बारे में सुना होगा, लेकिन सक्ती जिले में अनोखा मामला सामने आया है, यहां पर यूनाइटेड बैंक की फर्जी बैंक शाखाएं निकाली गई हैं। इस बैंक की फ़र्ज़ी शाखा में सहयोगी सहयोगियों के बोर्ड बैंक मैनेजर और पूरे 6 लोगों के स्टाफ सिस्टम के साथ पूरा नेटवर्क रखा गया था।

सक्ती जिले के मालखरौदा थानांतर्गत ग्राम खरौदा में स्टेट बैंक की शाखा खोली गई, इस बैंक की जानकारी उच्च अधिकारियों को भी नहीं थी, स्टेट बैंक के अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी सूचना मालखरौदा पुलिस को दी। प्रशासन की टीम का निरीक्षण. इस मामले में मालखरौदा थाना प्रभारी राजेश पटेल ने कहा कि पिपरा में बैंक के फर्जी शाखा के आवेदकों की सूचना मिली, जिस पर जांच की गई और फर्जीवाड़े के तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जिसमें पंकज कुमार, रेखा साहू, मंधीर दास के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया है।

इस संबंध में एसोसिएट्स बैंक डभरा के प्रमुख प्रबंधक और अधिकारी शेखर राज ने बताया कि चापोरा क्षेत्र में याचिका बैठक की जा रही है तो यहां देखा गया कि यहां एसोसिएट्स बैंक डभरा के सीईओ मैनेजर और अधिकारी शेखर राज ने कैसे खोला था यह फर्जी बैंक स्टेट बैंक का बिग बैनर बैंक का सेट अप स्थापित किया गया था, जब उनकी टीम कंपनी पर आरोप लगाया गया था तो कथित बैंक मैनेजर का प्रबंधन किया गया था। इस बैंक शाखा में छः कर्मचारी प्रतिनिधि थेक ने बताया कि पत्र एवम साक्षात्कार के माध्यम से उनकी उपस्थिति दर्ज करायी गयी।

कर्मचारियों ने खपोरा शाखा में एम्पलाई को प्रशिक्षण के लिए भेजा था, इसके बाद उन्हें यहां पोस्ट कर दिया गया। बैंक अधिकारी ने कहा कि बैंक में कई तरह की धोखाधड़ी होने से बचती रही, समय पर कार्रवाई नहीं की गई।

ग्रामीण मनोज अग्रवाल ने उन्हें बताया कि जब उन्हें पता चला कि उनके गांव में एसबीआई की बैंक शाखा खुली है तो उन्होंने वहां जाकर प्रदेश के लिए खाता खोला। स्टॉक में शामिल लोगों से पूछा जाता है कि क्या स्टॉक है और क्या-क्या दस्तावेज़ हैं। इस बैंक में मौजूद कर्मचारी सही जवाब न दे सकें. इसके बाद बैंक कर्मचारियों ने जवाब दिया कि अभी सर्वर खराब है, बाद में इसे चालू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही मनोज ने बताया कि उन्हें स्टॉक कोड भी कहीं दिखाई नहीं दिया। इसके अलावा उनके अलावा कई अन्य इंटरनेट पर भी शक हुआ।

फ्यूरी मिडिल बैक के एम्पलाई म्यूजिक कंवर ने बताया कि बैंक में नौकरी के लिए कंपनी ने आवेदन किया था, जिसके बाद उनका सेलेक्शन हो गया और ऑफर लेटर आ गया और वह छपरा में बिजनेस के लिए आए और ट्रेनिंग के लिए काम करने आए तो पता चला पता चला कि यह फर्जी बैंक है।

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