कोरबा/अनूप पासवान: पहाड़ी कोरवा की युवा महिला हीरा बाई को आज भी याद है कि कैसे उन्हें एक मटके पानी के लिए घर से बाहर जंगल की ओर जाना था। पानी की ये जद्दोजहद ऐसी होने लगी कि वह अपनी किस्मत को कोसते हुए दूर जंगल के जंगल में गया और वहां से पानी लाकर घर के जरूरी काम किया। एक दिन उनके गांव में पक्की सड़क बन गई, लेकिन पानी की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। न पानी की व्यवस्था हुई, न ही नल का कनेक्शन। वह अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर झाड़ियों में घूमती थी और उनके बीच मछली पकड़ने जाती थी।
अब, जब घर के पास सौरव ड्यूल पंप और नल का कनेक्शन लगा, तो हीरा बाई को अपनी किस्मत नहीं मिल पाई। उनका कहना है कि अब उन्हें डेयरी में पानी लाने की जरूरत नहीं है। घर पर ही नल से पानी मिल जाता है, जिससे पानी की समस्या खत्म हो जाती है।
अब छोटे-छोटे किशोरों के लिए भी पानी उपलब्ध है
कोरबा ब्लॉक के ग्राम कोराई में रहने वाली पहाड़ी कोरवा हीरा बाई का बड़ा परिवार है। वे वर्षों से जंगल के करीब रह रहे हैं और लंबे समय से नालों का पानी आ रहे हैं। अब, डैनियल पंप के माध्यम से घर के पास नल लग जाने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। हीरा बाई ने बताया कि अब घर के सभी सदस्य नल से ही पानी खरीदें और घर के अन्य छोटे-छोटे किशोरों के लिए भी पानी उपलब्ध है।
बारिश में पानी लाना और भी मुश्किल हो गया था
हीरा बाई ने पूर्व की आपत्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि नल न लीव से उनकी जिंदगी भर भरमार में थी। सुबह से शाम तक नालों का चक्कर आना शुरू हो गया था, और बारिश के दिनों में नदी से पानी लाना और भी मुश्किल हो जाता था क्योंकि पानी का धुआं और उफान होता था।
जीवन की समाप्ति दूर हो गई
उन्होंने बताया कि अपोलो पंप की बीमारी के बाद न केवल उनके जीवन पर असर पड़ा है, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं को भी बड़ी राहत मिली है। उन्हें अब नल से साफ पानी मिल रहा है और ट्रैक्टर तक दौड़ने की जरूरत नहीं है। हीरा बाई ने जल जीवन मिशन के तहत घर तक पहुंचने वाले नल कनेक्शन और पानी की झील को दूर-दराज के स्मारक के लिए एक सजावट की सलाह दी है।
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पहले प्रकाशित : 10 सितंबर, 2024, 13:10 IST