आशान्वित. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में प्रतिदिन लाखों की संख्या में भक्तों का आगमन होता है। भगवान की एक झलक पाने के लिए भक्त आतुर रहते हैं। सावन माह में राजाधिराज महाकाल भगवान की प्रजा का हाल दर्शन मंदिर परिसर से होता है। सिद्धांत यह है कि वर्षा काल में सृष्टि का संचालन करने वाले सभी देवता शयन काल में चले जाते हैं। जबकि बाबा महाकाल सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में सावन मास में महाकाल प्रजा का हाल लुप्त हो गया है। आज सावन माह में भगवान महाकाल की दूसरी झलक। गाड़ी में पहली बार 350 विस्फोटक का विशेष पुलिस बैंड भी शामिल है। बैंड सवारी के साथ-साथ धुन बजाते चल रहे थे।
इन पेंटिंग से गुजरेगी महाकाल की सवारी
भगवान महाकाल की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में पूजा-अर्चना के बाद अपने निर्धारित समय पर मंदिर के मुख्य द्वार से शुरू होती है। यहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को चढ़ाई दी गई। इसके बाद सवारी गुडरी क्रॉच, पटनी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पर स्थित हुई। यहां पूजन-अर्चन के बाद की सवारी रामानुजकोट, मोढ़ का मंदिर, कार्तिक होने का चौक, भगवान समाज का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, प्लास्टिक बाजार, क्षत्रिय चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार में श्री महाकालेश्वर मंदिर की धूम मची हुई है।
इसलिए बेकार है महाकाल की सवारी
पंडित महेश पुजारी ने स्थानीय 18 को बताया कि भगवान महाकाल मसा के राजा हैं। आज भगवान महाकाल चांदी की पालकी में चंद्रमोलेश्वर रूप में सवार भक्तों के दर्शन करते हैं। आज से सावन माह का दूसरा सोमवार है। यह सबसे अच्छा शुभ संयोग है. भगवान महाकाल अपनी प्रजा का हाल दर्शन सावन माह में दिखते हैं। बाबा की एक झलक पाने के लिए आस्था आतुर रहती है। बाबा के दर्शन से भय और भालू का नाश होता है। यह अद्धभुत मिलन भक्त और भगवान के बीच होता है। यह नजारा देखने के लिए लोग देश-विदेश से मंदिरों के दर्शन करते हैं।
लाखों की संख्या में भक्त वेशधारी हैं मस्जिद
मुजफ्फरपुर में लगातार बारिश का दौर जारी है। सुबह करीब 9 बजे बारिश के बाद समर्थकों का उत्साह कम नहीं हुआ। दोपहर 2 बजे तक करीब ज़ोरदार लाख भक्त दर्शन कर चुके हैं। वहीं, 30 हजार से ज्यादा साधारण भस्म आरती भी शामिल हुई। सावन के पहले सोमवार को 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किये थे, आज भी ऐसी ही संभावना है. रात 10.30 बजे तक दर्शनों की दुकानें ऐसी ही रहेंगी।
अन्य ने भी दी प्रस्तुति
29 जुलाई को भारिया जन जातीय भदम नृत्य हिंद जंजाल के नेतृत्व में एवं बागा जन जातीय करमा नृत्य, डिंडोरी के श्री धनीराम बगदरिया के नेतृत्व में उनके दल श्री महाकालेश्वर भगवान की दूसरी यात्रा में पालकी के आगे भजन मंडलियों के साथ अपने स्वामी चले गए .
बाबा महाकाल ने दो रूपो में दिए भक्तो के दर्शन
12 ज्योर्तिलिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान श्रीमहाकालेश्वर की श्रावण/भाद्रपद माह में रथ वाली सवारी के क्रम में दूसरे सोमवार 29 जुलाई को भगवान श्रीमहाकालेश्वर श्री चन्द्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में तथा हाथी पर श्री मनमहेश के रूप में विराजित अपनी प्रजा का हाल देखें भ्रमण नगर यात्रा पर निकलें.
टैग: ताजा हिंदी खबरें, लोकल18, महाकाल मंदिर, एमपी समाचार, उज्जैन समाचार
पहले प्रकाशित : 29 जुलाई, 2024, 19:38 IST