राजानंदगांव पिंजरापोल संस्था द्वारा लगभग 120 प्राचीन से गौ सेवा को लेकर के असाइअल पर काम किया जा रहा है। इस संस्था की स्थापना 1904 में हुई थी. तब से लेकर अब तक गौ संरक्षण और जनसंख्या की दिशा में यह संस्था काम कर रही है। यहां 1000 से अधिक गौवंश की देखभाल की जाती है और गौ-संरक्षण और दिशा-निर्देश के लिए लगातार काम किया जा रहा है, ताकि लोगों से सलाह ली जा सके और गौ-संरक्षण और गौ-वंश की दिशा में काम किया जा सके। के लिए जोड़ा जा सके.
सिद्धार्थ लाल जी कोठारी द्वारा स्टूडियो को भूमि दान
राजनांदगांव के रहने वाले सत्य लाल जी कोठारी और उनकी धर्मपत्नी किरण देवी कोठारी के द्वारा छुईखदान में कोरबा ग्राम में 32.6 एकड़ जमीन पर स्थित सलेम पिंजारापोल को दान में दिया गया है, जिससे क्षेत्र के संरक्षण और संरक्षण को लेकर काम किया जाएगा। सैलून पिंजारापोल के अध्यक्ष सुंदरचंद पारख ने लोकल 18 को बताया कि ऑलवेज पिंजारापोल लगभग 120 वर्ष पुराना पूर्व सांपला गौ संरक्षण एवं संरक्षण की संस्था है जो कि सांस्कृतिक संरक्षण एवं संरक्षण का कार्य करती है।
गैलरी पिंजरापोल द्वारा जा रहे कार्य
जीव दया और amp; सेवा के लिए बात कही गयी है. जीव दया, फार्मास्युटिकल डिफेंस को लेकर कॉन्स्टेंट स्टूडियो पिंजारापोल द्वारा काम किया जा रहा है।
दान की प्रशंसा और महत्व
राजनंदगांव के प्रिय लाल जी कोठारी ने खुले मन से सैलून को यह दान दिया है। इसके साथ ही उनकी तीन पुत्र-पुत्रियों ने भी खुशी जाहिर की है। क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व सत्यलाल जी कोठारी ने खुले मन से यह दान और वस्त्र संरक्षण एवं अभिलाषा को लेकर कार्य करने वाली संस्था को यह दान दिया है। उनका यह पुनित कार्य दिन-रात जीव-जन्तु जीव एवं मृत्यु की रक्षा में संजीवनी की तरह का काम करना है और उनके इस प्रयास की भी मान्यता है। लोगों से भी खुले मन से दान देने को लेकर बात कही गई है।
पहले प्रकाशित : 3 अक्टूबर, 2024, 14:02 IST