अमित उपकरण, खंडवा. मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से बड़ी खबर है। यहां किसानों ने नकली खाद भंडार तैयार किया है। यह खाद खालवा क्षेत्र में जमा हो गया। इसके बाद डीएपी के नाम पर नकली खाद खपाने का मौसम खड़ा हो गया। किसानों ने इस खाद को रेत, काँच और केमिकल से तैयार करना सिखाया है। किसान लोडिंग गाडिय़ों में भारी इस खाद को खालावा स्टेशन ले गए। इस दौरान भारतीय किसान संघ ने कहा कि हम नकली खाद को लेकर उग्र आंदोलन करेंगे। हम कृषि विभाग का अर्थ भी बताएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ इस खादी के गोदाम की जांच प्राइवेट लैब से करेगा।

भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान ने कहा कि हम लोग नकली डीएपी को पकड़ने की तीन दिन से कोशिश कर रहे थे। हम जानना चाहते हैं कि हमारे क्षेत्र में दुकानों से नकली डीएपी आ रही है। कृपया अपने वर्गीकरण को स्थान-स्थान पर अंकित करें। उन्होंने कहा कि इलाके में अगर दिग्गजों और समाज के अलावा डीएपी आ रही है तो उसकी तलाश करो और पकड़ो। सिद्धांत से कहा गया है कि जहां भी नकली डीएपी दिखाई दे उसकी सूचना हमें दो हम उसे पकड़वाएंगे। तीन दिन की सर्च के बाद हमें एक जगह नकली डी.पी. मिला। हमें उसकी पूरी जानकारी मिल गई कि वह कहां से कहां जा रही है, कहां जा रही है, उसे कहां उतार रही है, कौन किसान लेकर जा रहा है।

अपने जीवन में न देखें इतनी बड़ी धांधली-चौहान
चौहान ने कहा कि इस तरह से हमने सुपरमार्केट को कब्जे में ले लिया। इसके बाद स्टेशन के प्रभारी को सूचित किया गया. कार्यालय प्रभारी ने डायल-100 स्टाफ़ डी.पी. से भरी गाड़ी स्टेशन बुलावा ली। ऐसे में हमने अपने जीवन में कोई आकलन नहीं किया है। ये पूरी तरह से नकली और बहुत बड़ी है. इसमें कैमिकल मिला हुआ पूरा पत्थर है। हम इसके तीन पौधे ले रहे हैं. एक किसान भारतीय किसान संघ के पास रहेगा, एक कृषि विभाग के पास और एक राजस्व विभाग के पास रहेगा। भारतीय किसान संघ इसकी जांच प्राइवेट लैब से तकनीशियनगा। कृषि विभाग भी अपने कर्मचारी भेज रहा है। कृषि विभाग के अधिकारी भी इस आंकड़े की जांच करेंगे। इसे लेकर हम उग्र आंदोलन करेंगे। हम कृषि विभाग का परिभाषा देंगे।

खरगोन से आई थी खाद, गाड़ी के ड्राइवर पर केस
खंडवा में पकड़ी गई नकली खाद खरगोन जिले से आई थी। अब पुलिस ने गाड़ी के ड्राइवर के खिलाफ कालवा पुलिस स्टेशन में आपातकालीन नियंत्रण आदेश और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दर्ज किया है। 21 अक्टूबर की रात किसानों ने नकली खाद पकड़ी थी। ज़ैज़ खाद को कृषि तकनीशियनों ने भी प्राथमिक रूप से अमानक माना है। जांच पड़ताल के लिए भेजे गए हैं। इफको कंपनी की बोरियों में खास खाद में रेत, काँच और कैमिकल मिले हैं। कृषि कॉपीराइट के तहत भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। कृषि उपसंचालक के वास्केल ने बताया कि खाद किससे ली गई और जनजाति के पास जा रही थी, इसकी भी जानकारी प्रौद्योगिकी जा रही है।

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