कोरबा. भाई-बहन के बंधन बंधन के मित्रता पर्व में अभी कुछ दिन बचे हैं। हर भाई तक बहन की राखी पहुंच जाए, इसकी कई लोग अलग-अलग स्तर पर तैयारी कर रहे हैं। इस काम में कोरबा के डाक टिकट भी पीछे नहीं हैं। इस त्यौहार के लिए जिलों के डाक टिकटों ने बड़े स्तर पर तैयारी की है। डाक्टरों के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास प्लास्टिक कोटेड लाइफफेस पहुंच गए हैं। इन लाइफ़ों में बंद राखियों को पानी से शुरू किया जा सकता है। ऊर्जाधानी यानी कोरबा में कई कर्मचारियों के अधिकारी-कर्मचारी अलग-अलग कर्मचारी, कर्मचारी और निजी कर्मचारी काम कर रहे हैं।
इनके अलावा कई अधिकारी-कर्मचारी कोरबा से बाहरी कर्मचारी काम कर रहे हैं। भाई-बहनों ने अभी से ऐसे श्रमिकों को राखियां भेजीनी शुरू कर दी हैं। ताकि, उनकी कला रचनाएँ सुनी न रहें। डिब्बों में पहली फिल्म में 6 हजार वॉटर ड्रिप राख के लाइफफे हैं। जिस तरह से बांडो की मांग बढ़ रही है, ठीक उसी तरह से जर्मनी की भी मांग बढ़ रही है। डाकपाल विजय ने बताया कि हर साल प्रधान डाक से बहनें कारीगरों को करीब दस हजार राखियां भेजती हैं।
ये है लिफाफों का जंगल
राखी के लिए आये लाइफ़फ़े पूरी तरह से प्लास्टिक से जुड़े हुए हैं। उन्हें आकर्षक रंग दिया गया है. लोग इन लिफाफों को जिले के डाक-टिकटों, शाखा डाक-टिकटों और उप-डाकपालों से ले जा सकते हैं। यहां एक लाइफ़फ़े की कीमत दस रुपये है। प्रधान डाक प्रबंधन ने ये राखियाँ विभाग के लिए विशेष पीले रंग का डिब्बा कार्यालय के बाहर रखा है। बहनें राखी का लिफाफा इस अनाज में शामिल हो सकते हैं।
हर भाई तक अमेरिका में बहन का प्यार- पति
पैकेट प्रबंधन ने इस भव्य पैमाने पर राखियों को प्राथमिकता के साथ उद्यमों की स्थापना के लिए उठाया है। डाकपाल विजय जेम्स ने कहा है कि हम चाहते हैं कि हम पूरे अमेरिका से प्यार करें। हम इन राखियों को सुरक्षित और समय पर पहुंचाना चाहते हैं। ये राखियां विभिन्न प्रकार की ड्रिप ड्रिप हैं। इसलिए हमारे भाई-बहनों से अपील है कि इसी लिफ़ाफ़े से राखियां अंश। ताकि, बारिश की वजह से त्योहार में कोई खल्ल न पड़े।
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पहले प्रकाशित : 29 जुलाई, 2024, 16:35 IST