शुभम् मरमट/मर्मट: सनातन धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की 9 सैद्धांतिक विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। नवरात्रि के दिनों में भगवती मां दुर्गा को पूरे नौ दिन तक धरती पर अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। मज़हबी के पंडित आनंद भारद्वाज ने बताया कि नवरात्रि के पांचवे दिन किस देवी की पूजा की जाए।

मां स्कंदमाता इस देवी की चार भुजाएं हैं। ये दाहिनी ओर की ऊपर वाली भुजा से भगवान स्कंद को गोद में लिए हुए हैं। नीचे वाली भुजा में कमल का फूल है। बायीं ओर ऊपर वाली भुजा वरदमुद्रा में है। नीचे वालीभुजा में कमल पुष्प है। ये कमल रेस्तरां में रहते हैं। सुजुकी पद्मासना देवी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि स्कंदमाता अपने अनुयायियों से बहुत जल्दी प्रभावित होती हैं। साथ ही ऐसा माना जाता है कि माता की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

विशेष रूप से मां स्कंदमाता का यह भोग है
नवरात्रि के नौ दिन अलग-अलग देवी को तरह-तरह का भोग लगाया जाता है। पांचवे दिन मां स्कंदमाता को केले का भोग स्थान। इसके बाद पारंपरिक प्रसाद रूप में ग्रहण करें। इसे ग्रहण करने से संत और स्वास्थ्य, दोनों की बाधाएं दूर होंगी। शास्त्रों में मां स्कंदमाता की महिमा बताई गई है। पूजा से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण उनका उपासक अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है। इसलिए मन को एकाग्र और पवित्र मंदिर इस देवी की आराधना करने वाले भक्त को भवसागर पार करने में शोक नहीं होता है।

इन मंत्रो का जाप जरूर करें
-सिंहासन गता नित्यं पद्माश्री तकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

– या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

टैग: हिंदी समाचार, नवीनतम हिंदी समाचार, स्थानीय18, मध्य प्रदेश समाचार, उज्‍जैन समाचार

Source link